बुधवार, 17 मई 2017

सुर-२०१७-१३७ : 'दाग़ दिल के...!!!'


मिटते नहीं
किसी भी डिटर्जेंट से
न ही अच्छे होते
दाग़ दिल के
छिपते नहीं
किसी भी फेयरनेस क्रीम से
न ही हल्के पड़ते
दाग़ दिल के
सिलते नहीं
किसी भी सिलाई मशीन से
न ही रफ़ू किये जाते
दाग़ दिल के
खिलते नहीं
किसी भी बदलते मौसम से
न ही कभी मुरझाते
दाग़ दिल के
वो तो बस,
दिनों दिन गहरे होते
नासूर बन मन को छलते
तो बचाना दिल को
कि कहीं दाग़ न लग जाये ।।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

१७ मई २०१७

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