सोमवार, 8 मई 2017

सुर-२०१७-१२७ : 'विश्व रेडक्रॉस दिवस' मानवीयता रक्षक का आश्रय...!!!

साथियों... नमस्कार...

 
हम आये दिन न जाने कितने हृदय को विचलित करने वाले और मन को झकझोर देने वाले दृश्य देखते यहां तक कि इस सोशल मीडिया के युग में तो आये दिन हमारे सामने ऐसे अनगिनत चित्र आते जिनमें इंसान ही नहीं इंसानियत भी जख्मी नजर आती लेकिन उन पर थोडा सहानुभूति का छींटा मार हम आगे बढ़ जाते और मन में कभी उनके लिए कुछ करने का विचार यदि आ भी जाये तो खुद को अक्षम या लाचार समझ हाथ पर हाथ रख बैठ जाते और बस, कोरी भावुकता का प्रदर्शन करते रहते लेकिन जिनके भीतर सचमुच कुछ कर गुजरने की इच्छा होती वे चैन से बैठ ही नहीं पाते जब तक कि जख्मों से रिसते लहू को पोंछ उन पर प्रेम का मरहम न लगा दे और इसके बाद भी रुकते नहीं ऐसे लोगों को ढूंढते और अपने अभियान को आजीवन जारी रखते साथ ही ऐसी व्यवस्था भी कर जाते कि वो रहे या न रहे लेकिन उसके बाद भी उनका कार्य रुकना नहीं चाहिए तो अपने जैसे लोगों को ढूंढकर उनके भीतर भी वही जज्बा पैदा करते कि वे भी उनकी तरह सच्चे दिल से इस काम में जुट जाये और नये-नये लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें प्राप्त करते रहे...

कुछ ऐसा ही नेक काज किया महान मानवता प्रेमी 'जीन हेनरी डयूनेन्ट' ने जिन्होंने युद्ध में घायल सैनिक और निर्दोषों को देखा तो फिर जब तक कि उनको स्वास्थ्य करने हेतु कोई ठोस कदम न उठा लिया रुके नहीं और इस तरह से 'विश्व रेडक्रॉस सोसाइटी' की परिकल्पना ने जनम लिया जिसे मूर्त रूप देकर उन्होंने इस संस्था का गठन करते हुए अन्य देशों को भी उससे जुड़ने प्रेरित किया जिसका परिणाम ये हुआ कि उससे सारे देश जुड़ते गये और इस तरह से एक छोटी-सी संस्था एक विश्वव्यापी संगठन में तब्दील हो गया जिसकी वजह से इसके फाउंडर को नोबल पुरस्कार भी दिया गया और वर्तमान में अपने असंख्य स्वयंसेवकों सहित लगभग 186 देशों में ये संगठन अपनी सेवाएं दे रही हैं और लाखों-करोड़ों असहाय पीड़ितों की तकलीफों का इलाज़ कर रहा हैं...

विश्व रेडक्रॉस सोसाइटी के संस्थापक के जन्मदिन 8 मई को उनकी स्मृति में 'विश्व रेडक्रॉस दिवस' के रूप में मनाया जाता हैं तो आज इस दिन पर सभी स्वयंसेवकों एवं इसकी स्थापना करने वाले दोनों को इस अभूतपूर्व कार्य के लिये बधाई और शुभकामना कि वे इसी तरह अपना काम करते रहे... क्योंकि आज तो इसकी आवश्यकता अधिक कि आदमी खुद में खोया हुआ हैं... :) :) :) !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

०८ मई २०१७

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