मंगलवार, 18 जुलाई 2017

सुर-२०१७-१९८ : एक था सुपर स्टार... ‘राजेश खन्ना’ !!!


मुंबई मायानगरी इसलिये कहलाती कि यही पर वो ‘फ़िल्मी दुनिया’ स्थित जो मायावी जगत के काल्पनिक चित्रों को रजत परदे पर दृश्य रूप में साकार कर हूबहू दिखाती जिसे इस तरह से संभव करने में अनेकों व्यक्तियों की काबिलियत का समावेश होता परंतु स्क्रीन पर हमें सिर्फ कलाकार ही दिखाई देते जो अपनी अदाकारी से न सिर्फ हम सबका मनोरंजन करते बल्कि अपनी दिलकश अदाओं व लुभावने अंदाज़ से मन भी मोह लेते ऐसे ही अभिनेताओं का यदि जिक्र करे तो इसमें एक नाम ‘राजेश खन्ना’ का भी आता जिसने अपनी मौलिक अलहदा भाव-भंगिमाओं से अपने जमाने के सभी लोगों के दिलों पर राज किया और हिंदी सिनेमा के इतिहास में वो तमगा हासिल कर दिखाया जो उससे पहले किसी को भी न मिला जी हाँ मैं बात कर रही हूँ ‘सुपर स्टार’ टाइटल की यही वो शब्द जो उस वक़्त उनकी करिश्माई शख्सियत को अभिव्यक्त कर पाने में सक्षम साबित हुआ जबकि उनके पूर्व भी उस सिने जगत में ऐसी कई कलाकार हुये जिनका व्यक्तित्व ही नहीं अपना हर अंदाज़ एक-दूसरे से इस कदर जुदा था कि उनकी पहचान बन गया चाहे फिर वो सोहराब मोदी हो या पृथ्वीराज कपूर या बलराज साहनी या फिर अशोक कुमार या राज-देव-दिलीप की तिकड़ी सभी अपने ही मिज़ाज व फन के एकदम स्वतंत्र फ़नकार और यही वजह कि हर किसी को उसकी उस ख़ासियत की वजह से जाना जाता जिसे ‘राजेश खन्ना’ ने न केवल कायम रखा बल्कि और ऊँचे दर्जे पर पहुंचा दिया कि उसके बाद तो ये तमगा भी छोटा पड़ने लगा लेकिन यदि गम्भीरता से आकलन करे तो पाते कि भले ही उसके बाद अभिनेताओं का कद बढ़ा हो लेकिन अभिनय में गिरावट आती गयी और आजकल की फ़िल्में जो बड़ा नाम और दाम पैदा कर रही दरअसल महज़ मार्किट का असर इसलिये इनमें से कुछ ही फिल्मों व उनमें काम करने वाले अदाकारों को आने वाले समय में याद किया जायेगा लेकिन पुराने जमाने के सभी कलाकार जिन्होंने इस फिल्म इंडस्ट्री की नींव रखी उन्हें हमेशा ही बड़े आदर के साथ याद किया जायेगा तो अज पुण्यतिथि पर राजेश खन्ना को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजली... :( :( :( !!!
   
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

१८ जुलाई २०१७

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