शनिवार, 8 जुलाई 2017

सुर-२०१७-१८८ : सॉरी, आपको गलतफहमी हुई... मैं वैसी लड़की नहीं...!!!


अकीराऔर जतिनकी मुलाकात सोशल मीडिया से हुई और धीरे-धीरे वे एक-दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त बन गये तब एक दिन सुबह-सुबह जतिनने मोबाइल पर चैट करते हुये अकीरासे जैसे ही किस की डिमांड की उसका तुरंत रिप्लाई आया... सॉरी, आपको गलतफहमी हुई, मैं वैसी लड़की नहीं तो उसने भी पूछ ही लिया वैसी मतलब ? जैसी तुम समझ रहे... अकीराने उसे जवाब दिया तो उसने भी कहा, तुम्हें क्या पता मैं क्या समझ रहा ? इसमें समझना क्या तुम्हारी बातों ने ही बता दिया कि तुम मुझे गलत समझ रहे नहीं तो इस तरह की बात नहीं करते अभी तो हमें मिले हुये ज्यादा समय भी नहीं हुआ अकीराने जवाब में लिखा तो उसका रिप्लाई आया, मतलब मुझे कुछ समय बीत जाने के बाद ये कहना था तब तुम वैसी लड़की हो जाती तो इसके प्रतिउत्तर में उसने टाइप किया अरे, तुम अब भी न समझ नहीं रहे मेरे कहने का मतलब कि अभी तो हमारे बीच कोई रिश्ता ही नहीं बना और तुमने सीधे ही ऐसी बात लिख दी तो उसने भी बात को विराम देते हुये कहा ओके, ओके... मैं समझ गया.. अब रिश्ता बन जाने के बाद ही ऐसी-वैसी बात कहूँगा फ़िलहाल छोड़ो इन बातों को मुझे जरूरी काम से मार्केट जाना हैं  ।

उसके बाद जतिनअपनी भाभी की छोटी बहन कायराजिसकी शादी तय हो गयी थी और जो शोपिंग के लिये उसके घर आई थी को मॉल ले गया पर, जब वे बाहर निकल रहे थे कि अचानक उसकी नजर डायमंड के एक नैक पीस पर पड़ गयी और वो उसे खरीदने की जिद करने लगी तो जतिनबोला, यार, अगली बार लेते अभी डेबिट कार्ड में इतना अमाउंट नहीं और क्रेडिट कार्ड भी कार में पड़ा तो मुंह लटकाते हुये वो उसके साथ मॉल से बाहर आकर गाडी में बैठ गयी लेकिन दिमाग में वही हार घूम रहा था । गाड़ी कुछ सुनसान में आई तो जतिनने उससे भी किसकी डिमांड की तब वो बोली, ‘जतिनये क्या कह रहे हो तुम अच्छे से जानते हो मैं वैसी लड़की नहीं, मेरी शादी तय हो चुकी जानते हो तुम फिर भी ऐसी बात कर रहे पहले की बात अलग थी तब जतिनने क्रेडिट कार्ड हाथ में लेते हुये कहा, यदि मैं हार दिला दूँ तब किस दोगी ? तो उसकी बात सुनकर अकीराउसके एकदम पास आ गयी ।

उसी रात जब वो कार से घर लौट रहा था तो उसने देखा कि दूर दो लड़के किसी लड़की को परेशान रहे हैं तब उसने गाड़ी उनकी तरफ मोड़ दी जिसे देख लड़के भाग गये तब उसने लड़की से कहा, आइये आपको घर छोड़ दू, तब वो लड़की हंसते हुये बोली, आपको शायद, गलतफहमी हुई, मैं वैसी लड़की नहीं तो उसने कहा, मतलब ? विद्रूप हंसी हंसते हुये वो बोली, जिनका घर होता, ये दोनों तो दल्ले थे मेरी कमाई छीनने आये थे और ले भी गये तो समझ नहीं आ रहा कि अब माँ की दवाइयां कैसे खरीदूंगी तो उसकी बात सुनकर जतिनने पैसे निकलकर उसे देने चाहे तो वो बोली, यही या होटल चलेंगे तो वो बोला, अब आप गलत समझ रही ये आपकी माँ की दवाई के लिये तब वो बोली, मैं वैसी लड़की नहीं और पलटकर चली गयी तब इस दृश्य को सुबह वाले दृश्यों से जोड़ने पर भी वो समझ नहीं पाया कि वैसीलड़की कैसी होती हैं ???   
  
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

०८ जुलाई २०१७

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