जब गेंद
आपके पाले में हो
तो ज़ाहिर हैं
जब आप उसको
वापस करेंगे
तभी न सामने वाला
अगला शॉट मारेगा
माना कि, जिनको खेलना हैं
वो नई गेंद से भी
खेल ज़ारी रख सकते हैं
लेकिन कोई अकेला
कब तक खेलेगा भला ?
कब तक नई-नई गेंद डालेगा
जबकि आपकी तरफ से
कोई तवज्जो ही न दी जा रही हो
ज़ाहिर हैं ऐसी स्थिति में
खेल समाप्ति की ही घोषणा करनी होगी
मगर, जब यही सब कुछ
किसी रिश्ते में चल रहा हो तो
क्या उसे भी खेल समझोगे ?
नहीं न...
मगर, अफ़सोस कि कुछ लोग
रिश्तों को भी खेल की तरह ही खेलते हैं
उन्हें निभाना भी पड़ता हैं
ये भूल जाते हैं... :( ।।
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© ® सुश्री
इंदु सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२० जुलाई २०१७
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