गुरुवार, 14 जून 2018

सुर-२०१८-१६४ : #चाहे_सब_मिले_उन्हें_रक्त #आये_जब_भी_जरूरत_का_वक़्त



हम में से किसी को भी नहीं पता कि कब हमारे जीवन में वो घड़ी आ जाये कि हमारी जान बचाने के लिये हमें रक्त की जरूरत पड़ जाये ऐसी स्थिति में उस वक़्त तो किसी के रक्तदान से हमारी जान बच जाती लेकिन, हम ये भूल जाते कि जो हमने लिया उसे लौटाना भी हैं ताकि फिर किसी को ऐसे ही मुश्किल समय में जब खून की आवश्यकता हो तो हमारा लहू उसके काम आये याने कि इस तरह रक्तदाताओं की एक श्रृंखला बन जाये जो जीवन-मृत्यु से लड़ते किसी जरूरतमंद को संजीवन की तरह जीने को कुछ नये पल दे जाये जो इस दान की सार्थकता हैं इसलिये तो ‘ब्लड बैंक’ बनाकर इसे सहेजकर रखा जाता जिससे कि अचानक यदि किसी को इसकी जरूरत हो और कोई दानदाता उपलब्ध न हो तो ऐसी परिस्थिति में यही अमृत बनकर उसकी रगों में उतर उसको जिंदगी दे जाये

इन ‘ब्लड बैंक्स’ में सभी रक्त समूहों का जो रक्त संभालकर रखा जाता वो किसी न किसी के दान की बदौलत होता जिसे दौलत देकर खरीदा तो जा सकता लेकिन, कभी-कभी ऐसा भी हो जाता कि सारी दौलत रखी जाती और उस रक्त समूह का रक्त या ऐसा कोई रक्तदाता कहीं न मिलता जिसकी कि शीघ्र जरूरत होती तब इसकी अहमियत समझ आती कि हमने तो ऐसे कई अवसरों को गंवा दिया जबकि, हम भी इसमें योगदान दे सकते थे हमारे जीवन में ऐसे अनेक मौके आते जबकि हमारे आस-पास रक्तदान शिविर आयोजित किये जाते लेकिन, हम उनसे आँख बचाकर या अपनी भ्रांतियों के चलते बचकर निकल जाते पर, जब किसी दुर्घटनावश स्वयं को जरूरतमंद की जगह पर पाते तो अहसास होता कि काश, हमने भी थोडा-सा ही सही रक्तदान किया होता तो इसी तरह किसी की मदद हो सकती थी जिस तरह आज हम किसी रक्तदाता की वजह से अपने शरीर से निकल गये लहू की भारपाई कर पाये उसी तरह से किसी अनजान को हम भी ये ख़ुशी दे सकते थे

माना कि ऐसे अनगिनत अवसर हम चूक गये या हमने जान-बूझकर उनको जाने दिया लेकिन, अब भी देर नहीं हुई हैं यदि मन में ये बात आ गयी या हमें इसकी महत्ता समझ आ ही गयी तो फिर देर न करें और आगे बढकर खुद ही ऐसे आयोजन का हिस्सा बनकर इस पुनीत यज्ञ में अपने रक्त की आहुति देकर परहित में कोई कार्य करें जिससे कि वो जिनका जीवन इस पर टिका उनकी दम तोड़ती सांसें फिर से सम पर आ जाये आज का ये दिन हमें उन सभी रक्तदाताओं के प्रति अपने आभार प्रदर्शन का एक बहुत ही सुनहरा चांस देता जिससे कि हम अपने जाने-पहचाने या अंजाने फरिश्ते को अपनी जीवन गाड़ी चलते रहने के लिये बड़ा-सा धन्यवाद ही न कहे बल्कि, किसी अस्पताल या शिविर में जाकर रक्तदान भी करें जो इस दिवस को मनाने का मूल उद्देश्य और ध्यान रखें कि, रक्त देने से हम कमजोर नहीं बनते बल्कि ऐसा कर के अपनी रगों में नया जोश हैं भरते... इस तरह सबको इस दिवस की शुभकामनायें देते... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१४ जून २०१८

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