शुक्रवार, 8 जून 2018

सुर-२०१८-१५८ : #ब्रेन_ट्यूमर_ले_सकता_जान #इसके_लक्षणों_को_समय_रहते_पहचान


  
'अदिति' को पिछले कई दिनों से सुबह उठते ही सरदर्द महसूस होता और उसके साथ ही उल्टी भी आ जाती परंतु, उसने इसे सामान्य विकार समझ अनदेखा कर दिया क्योंकि, उसकी दिनचर्या में रात देर तक जागना, लंबा समय मोबाइल पर गुजारना शामिल था तो ऐसा सोचना लाज़िमी था कि ये सब उन आदतों की वजह से ही हो रहा हैं । उसकी इस लापरवाही ने एक दिन उसे अस्पताल पहुंचा दिया जब सरदर्द इतना बढ़ गया कि इसे सहन करना 'अदिति' के लिये कठिन हो गया तब उसने हारकर डॉक्टर को दिखाना ही ठीक समझा पर, जब डॉक्टरी जांच सामने आई तो उसके पास सर पकड़ने के सिवाय कोई रास्ता शेष नहीं था लगा सारी दुनिया घूम रही हैं और बस, यही अंतिम पल हैं । डॉक्टर की आवाज़ मानो उसे गूंजती हुई सुनाई दे रही थी जब उन्होंने अदिति को बताया कि, उसे ब्रेन ट्यूमर हैं और उसकी जिंदगी का कोई ठिकाना नहीं कितने दिन उसके पास शेष बताना भी मुश्किल हैं क्योंकि, बीमारी अधिक बढ़ चुकी हैं ।

ऐसी स्थिति में उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें, उसे ये बीमारी क्यों हुई और अब उसे इससे किस तरह निपटना चाहिए जिसके जवाब सिर्फ डॉक्टर के पास थे तो उसने एक-एक कर के अपने प्रश्न सामने रख दिये...

अदिति - डॉक्टर साहब सबसे पहले ये बताये कि ये कैसे होता हैं?

डॉक्टर - यूं तो इसका कोई एक कारण बता पाना मुमकिन नहीं फिर भी यदि हम इसके कारणों के बारे में बात करे तो कभी-कभी अधिक उम्र भी वजह हो सकती पर, तुम्हारे केस में ये वजह नहीं हैं इसलिए दूसरा कारण अनुवांशिक भी हो सकता हैं यदि परिवार में किसी को पहले रहा हो और यदि व्यक्ति एच. आई.वी. / एड्स पीड़ित हो तो भी इसके होने के चांसेस अधिक होते हैं इसके अलावा जब कोई व्यक्ति सर पर 'आयोनिजिंग विकिरण' द्वारा विशेष विकिरण चिकित्सा करवाता हैं तब भी इसकी संभावना बढ़ जाती हैं ।

ये तो हुये चंद ठोस कारण अब तुम बताओ तुम्हारे साथ इनमें से क्या हुआ हैं?

अदिति - नहीं डॉक्टर साहब बाकी सबके बारे में तो मैं निश्चित तौर पर इनकार कर सकती हूं क्योंकि, मैं जानती हूं केवल एक ही संभावना पर संदेह हैं अनुवांशिक वाली क्योंकि, मैं इसके बारे में विश्वासपूर्वक कुछ नहीं कह सकती ।

डॉक्टर – ओके, यही सबसे बड़ा कारण होता खैर, घबराओ नहीं भले थोड़ी देर हो गयी पर, हम अब भी काफी कुछ कर सकते हैं

अदिति - डॉक्टर साहब अब ये बताइये कि इसके लक्षण क्या होते हैं?  हम कैसे जाने कि हमें ‘ब्रेन ट्यूमर’ हुआ हैं?

डॉक्टर - अदिति, ऐसे अनेक लक्षण या संकेत हैं जिनसे हम इसको पहचान सकते लेकिन, हमारी आदत कि इन्हें इग्नोर करते जैसे, सरदर्द होना, बार-बार लगातार होते रहना और गंभीर होते जाना, इसके साथ ही मतली/उल्टी जैसी इच्छा होना, आंखों से धुंधला दिखाई देना या चीजें दो दिखाई देना और दूर की नजर कमजोर होना और हाथ-पैरों के संचालन व शरीर के संतुलन में कठिनाई होना, सुस्ती बनी रहना तथा काम में मन न लगना, व्यवहार में परिवर्तन आना, बातें याद न रहना, नींद कम आना यहां तक कि बोलने समझने में दिक्कत आना जैसे अनगिनत लक्षण हमारे सामने आते पर, हम इन्हें सामान्य समझकर अनदेखी करते हैं ।

अदिति - आपके कहने का मतलब डॉक्टर साहब कि दिमाग संबंधी सभी कामों में परेशानी होने लगती क्योंकि, हमारे सभी अंग मस्तिष्क के निर्देशानुसार ही तो काम करते लेकिन, ये सब हम साधारण तौर पर समझ ही न पाते क्योंकि, बेहद आम होते ऐसे में इसकी चपेट में आ जाते अतः हम सबको अब इन परिवर्तनों पर ध्यान देना होगा ।

डॉक्टर - तुम सही कह रही हो अदिति ये सब जितना नार्मल लगता उतना होता नहीं हैं इसमें बड़े संकेत छिपे हैं और सबसे खास बात कि ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं - बिनाइन (बिना कैंसर वाले) या मेलिग्नेंट (कैंसर वाले) ‘बिनाइन ट्यूमर’ धीरे-धीरे बढ़ता है और कभी भी शरीर के दूसरे भाग में नहीं फैलता है जबकि, ‘मेंलिंगनेंट ट्यूमर’ कैंसर वाले ट्यूमर होते हैं जो बहुत तेजी से और आक्रामक तरीके से बढ़ते हैं।

अदिति - डॉक्टर साहब, इससे बचने के क्या कोई उपाय नहीं हैं ?

डॉक्टर - हैं न अदिति, हम कुछ सावधानियां रखकर इसके आक्रमण को कम कर सकते हैं मसलन, हम नींद पूरी लें, तनाव को खुद से दूर रखे, नशा, एल्कोहल इत्यादि ड्रग्स ना लें, नियमित रूप से व्या्याम करें, पौष्टिक और संतुलित आहार लें, जंकफूड से दूर रहें, पानी अधिक मात्रा में लें और अधिक से अधिक सक्रिय रहें अन्यथा हमारे दिमाग को जंग लग सकता कहने का तात्पर्य कि, दिमाग का उपयोग ही करते न रहे उसे पर्याप्त आराम भी दे मगर, अजकल के बच्चे तो 24 घण्टों में से 25 घण्टे मोबाइल जैसे गेजेट्स चलाते सोते-सोते भी उसके बारे में ही सोचते तो उनको खतरा अधिक हैं ।

अदिति - डॉक्टर साहब , अब अंत में ये बताये कि यदि ये हो ही जाये तो क्या करें ?

डॉक्टर - इसके लिए उपचार उपलब्ध हैं परन्तु, ये उसकी स्टेज पर निर्भर करते शुरुआती दौर में इलाज हो तो 90% कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर से निजात पाना आसान हैं फिर भी कुछ प्रचलित उपचार में सर्जरी/शल्य-चिकित्सा, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरपी, स्टेरॉयडएंटी-सीज़र दवाएं, वेंट्रिकुलर पेरिटोनियल शन्ट आदि हैं ।

तुम्हें एक बात पता ‘अदिति’ विश्व भर में हर दिन एक लाख में से दस लोग ‘ब्रेन ट्यूमर’ के कारण मरते हैं अतः इस रोग के बढ़ते हुये आंकड़ों को देखते हुये पूरी दुनिया 8 जून को 'विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस' मनाती हैं और आज वही दिन हैं तो अब तुम्हारा भी फर्ज बनता हैं तुम सिर्फ अपना इलाज ही मत करवाओ बल्कि अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और आस-पास रहने वाले लोगों को इसके प्रति सचेत करो क्योंकि, अब तो अपने देश में भी इसके केस लगातार बढ़ते ही जा रहे तुम्हें शायद पता नहीं ‘भारत’ में हर साल 40 से 50 हजार मरीजों में ‘ब्रेन ट्यूमर’ का पता चलता है और इनमें से 20 प्रतिशत बच्चे होते हैं तो ऐसे में केवल जागरूकता अभियान द्वारा लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जा सकती यही इसकी सार्थकता हैं ।

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०८ जून २०१८

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