बुधवार, 17 अक्तूबर 2018

सुर-२०१८-२८८ : #महागौरी_की_तिथि #लेकर_आई_श्रीदुर्गाष्टमी



नवरात्र पर्व 
आई अष्टम दिवस
महाष्टमी तिथि
पूजे सकल संसार आज  
‘महा-गौरी’...

प्रतिवर्ष जैसे ही नूतन वर्ष की शुरुआत होती उसके साथ ही शुरू हो जाता इंतज़ार ‘शारदीय नवरात्र’ के सलाना पावन पर्व का भी जब यूं लगता मानो मां जगतजननी अपनी समस्त शक्तियों, सभी अवतारों और परिजनों समेत आकाश से धरा पर आ गयी हो...

झिलमिल रोशनी से जगमगाता शहर रात को भी दिन बना देता और रात को 9 बजे दरवाजा बंद कर के सो जाने वाले हो या रात्रि 10 बजे के बाद घर के बाहर न निकलने वाले हो सब पूरी रात तक सड़कों पर ही घूमते रहते...

मां की अनगिनत अनुपम झांकियों में उनकी छवि निहारते रहते और जैसा वेद-शास्त्रों में वर्णित उस वर्णन से मूर्ति का मिलान करते रहते तो पाते कि मूर्तिकार ने बड़ी एकाग्रता व अध्ययन के पश्चात ही इसका निर्माण किया होगा जिसमें कहीं कमी की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी बल्कि, अपनी तरफ से अपना सर्वश्रेष्ठ दिया...

ऐसी मनोहारी छवि में मन क्यों न अटककर रह जाये तो बस, अपनी सुध-बुध भूलकर सब भक्तगण मानो स्वयं मूर्तिवत बन जाते और मन तो भरता नहीं इसलिये फिर अगले दिन निकल पड़ते कि ‘नवरात्र’ जैसी छटा अन्यत्र दिखाई नहीं देती जिसके ऊर्जावान दिन-रात का ऐसा असर होता कि तन-मन में उन तरंगों का सकारात्मक प्रभाव दृष्टिगोचर होने लगता...

जब अनायास ही सब कुछ संभव लगने लगता अपनी मनोकामनाओं में से कब वो लोभ, मोह गायब हो जाता जो उसके पूर्व तक मन के किसी कोने में समाया रहता कि अबके मां आयेंगी तो उनसे ये मांगेंगे, वो मांगेंगे पर जब सम्पूर्ण ब्रह्मांड मां की शक्तियों से सराबोर होकर भक्तिपूर्ण वातावरण की रचना करता तो स्वतः ही मन का भाव स्वयं की जगह समस्त ले लेता...

तब हम हाथ जोड़कर पूर्ण सृष्टि के कल्याण की कामना करने लगते यही तो उन कल्याणकारी, मनमोहिनी, सबका भला चाहने वाली मां की माया है जो हमारे माध्यम से सबके विजय हेतु स्तुति गान करवाती यही तो वो भाव जिसने हमें विश्वगुरु का दर्जा दिलवाया कि हम सिर्फ अपने बारे में नहीं पूर्ण जगत के बारे में सोचते और अपने साथ-साथ सबके कल्याण के लिये ईश्वर से प्रार्थना करते है...

सबको इस परम पावन पुण्यदायी महाष्टमी की बधाई... जो ‘महागौरी’ देवी की सुंदर छवि अपने सतह लाई... सम्पूर्ण धरा में उनकी ही निर्मल कांति छाई... बोलो जाय माई की... चिंता काय की... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
१७ अक्टूबर २०१८


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