गुरुवार, 1 जनवरी 2015

सुर-०१ : 'ब्लॉग' पर नूतन वर्ष... !!!


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मित्रों...,

हर शख्स
हर उस दर्द का
........‘शुक्रिया’
जिसने मुझे
लिखने का सामां दिया ।।

आज सुबह के सूरज के साथ जब हम जागे तो कैलंडर के साथ ही तारीख और साल भी बदल गया साथ मौसम की ठंडक में बारिश की झड़ी की सर्द हवायें भी घुल-मिलकर नये साल के  आगाज़ में लोगों के जोश को भी कुछ सर्द कर गई ये दोहरी मार सबको एक बार फिर कुदरत के करिश्में के आगे बौना साबित कर गई

ज्यादातर लोग कहते और सोचते हैं कि इस तरह के परिवर्तन से जीवन में कोई विशेष बदलाव नहीं आता हैं और जो कुछ भी जैसा हैं वैसा ही चलता रहता हैं लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि  इस तरह के आयोजन से कुछ विशेष भले ही नहीं होता पर जीवन की एकरसता जरुर भंग होती हैं और कर्मगति में तनिक जोश आ जाता हैं जो हमें बोरियत या नीरसता की जगह गर्मजोशी से आगे ले जाता हैं इसलिये जो लोग ये सोचते हैं कि ये फ़िज़ूल हैं उन्हें इस बदलती तरंगों के अहसास को महसूस करना चाहिये

आज नूतन वर्ष की इस बेला में बस इतना ही कहना हैं सबके लिये ये आने वाले ३६५ दिन हर पल और हर घड़ी एक नई ख़ुशी लेकर आये जिसके साथ हंसते-हंसते जीवन ऐसे ही बहता चला जाये...  

आ गया
नूतन वर्ष
लेकर नया हर्ष
जीवन में न हो दर्द
मिले खुशियों की सौगात पल-पल... !!!

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०१ जनवरी  २०१५
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
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