बुधवार, 15 जुलाई 2015

सुर-१९६ : "एक छुटकी चीटी की हिम्मत तुम क्या जानो दोस्तों...!!!"

यूँ तो
नजर आती नहीं
तभी तो कभी
पैरों के नीचे दब जाती
कभी लापरवाही से मर जाती
लेकिन इतनी ताकतवर कि
अपने से भारी वजन हो
या फिर शक्तिशाली इंसान
सबको धूल चटा देती हैं
एक नन्ही-सी चीटी
बहुत कुछ कर सकती हैं ॥
-------------------------●●●

___//\\___ 

मित्रों...,

एक छोटा सा मच्छर क्या कर सकता हैं ये तो 'नाना पाटेकर साहब' ने अपनी गायिकी से हम सबको बता दिया लेकिन उससे भी छोटी चीटी क्या-क्या कर सकती हैं इसे जानना अभी भी बाकी हैं क्योंकि किस्से-कहानियों में जितना पढ़ा या सुना वो काफी नहीं हैं उससे तो केवल इतना पता चलता कि वो किसी की भी जान ले सकती लेकिन धीरे-धीरे ये पता चल रहा हैं कि वो कुछ ऐसा भी कर सकती हैं जो मौत से भी भयावह हैं जी हाँ मौत आने पर तो हम एक ही बार में दम तोड़ देते हैं लेकिन चीटी के दिमाग में घुस जाने पर तड़फ-तड़फ के जीते हैं चीखते-चिल्लाते रहते पर उससे निजात नहीं पाते क्योंकि डॉक्टर्स भी एक्सरेके जरिये ये तो देख लेते कि चीटियों ने आपके शरीर के सबसे शक्तिशाली हिस्से जिसे कि पूरी देह को संचालित करना होता हैं में अपनी आमद बना ली हैं और बड़ी ही तीव्र गति से उस जगह को तफरी का मैदान बोले तो जोगेर्स पार्कसमझ बड़े मजे से टहल रही हैं पर, ये सब देखकर भी वो आपका इलाज करने में सक्षम नहीं होते जानना चाहते हैं क्यों ???

क्योंकि वो इतनी तेजी से घुमती हैं कि उस हिस्से की सर्जरी कर उनको निकाल पाना संभव नहीं होता और उनके इस तरह चलने-फिरने से आप पागल होते जाते हैं और फिर एक दिन उसकी वजह से बेबस हो लाइलाज होकर बुरी तरह दर्द से पीड़ित होकर अपनी जान गंवा देते हैं सुनने में भले ही अविश्वसनीय लगे लेकिन शत प्रतिशत सत्य हैं कि इस वजह से कई लोगों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा हैं । यदि यकीन न हो तो अख़बार में पढ़ी इस खबर पर एक नज़र डाले जिसने एकदम अचंभित कर दिया और लगा कि इतनी महत्वपूर्ण जानकारी अपने मित्रों से जरुर साँझा करना चाहिये---

ताईवानमें एक छोटा बच्चा इसलिए मर गया क्योंकि डॉक्टर को उसके दिमाग में चींटियाँ ही चींटियाँ मिली जो स्पष्ट करता है कि बच्चा या तो मुँह में कोई मीठी चीज रख के सो गया था या उसके बगल में सोते समय कोई खाने की मीठी चीज रखी रह गई. चींटियाँ उसके पास पहुँच गईं और उसके कान के अंदर घुस गई और वहाँ से किसी तरह उसके दिमाग तक पहुँच गयी । जब बच्चा जागा उसे पता भी नहीं चला की चींटियाँ उसके सिर में पहुँच गई उसके बाद उसने लगातार अपने चेहरे में खुजलाहट की शिकायत की उसकी माँ उसको डॉक्टर के पास ले गई पर डॉक्टर को भी तत्काल कुछ समझ नहीं आया कि उसके साथ क्या परेशानी है ? जब उसने बच्चे का ‘X-ray’ लिया तब घटना की भयंकरता का पता चला और उसने जीवित चींटियों की भीड़ को उसकी खोपड़ी में रेंगते देखा पर डॉक्टर ऑपरेशन नहीं कर सका क्योंकि चींटियाँ लगातार एक स्थान से दूसरी स्थान तक उसके दिमाग में घूम रहीं थीं । अंत में बच्चा इलाज़ न हो पाने से मर गया ।

यदि आप डर के मारे सहम गये या फिर आपके मुंह खुले के खुले रह गये या आप सोच में पड़ गये तो रुकिए परेशान मत होइये क्योंकि भले ही इसका कोई उपचार नहीं पर थोड़ी सी सावधानी से हम इससे बच सकते हैं वैसे भी कहा गया हैं सुरक्षा उपचार से बेहतर हैं तो हम उसे ही अपनाये खुद को बचाये ।

सावधानियां :
~~~~~~~~~

बिस्तर पर खाना न खाये ।

यदि खाये तो सोने से पहले उसे झटक कर साफ़ कर ही सोये ।

बिस्तर पर खाद्य सामग्री न रखे विशेषकर मिष्ठान्न या चॉकलेट्स या कोल्ड ड्रिंक्स ।

यदि बिस्तर पर कुछ गिर जाये तो उसे साफ़ कर दे और यदि साफ़ न हो तो उसे बदल दे ।

झूठे मुंह न सोये यानी कि सोने से पूर्व मुंह अवश्य धो ले ।

बच्चों का ख़ास ख्याल रखे क्योंकि वे अक्सर ये गलती करते हैं ।

नशे या मदहोशी की हालत में न रहे जिसके कारण कि आपको उसके रेंगने का अहसास न हो ।

ज्यादातर सावधानियां बिस्तर से सम्बंधित हैं क्योंकि खोजकर्ताओं ने ये माना हैं कि ये अक्सर सोते समय ही नौ द्वार वाले इस शरीर के किसी भी छिद्र से प्रवॆश कर वहां तक पहुँच जाती हैं... वैसे तो ये इतना आसन भी नही क्योंकि ये उपरी त्वचा केवल रंग निखारने या गोरेपन के प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि हमारा सुरक्षा कवच भी हैं जो हमें मौसम  के हमले से ही नहीं बचाता बल्कि हर तरह के स्पर्श का अहसास करा सचेत करता तो जब चीटी भी इस पर चले तो पता चलता और हम झटक देते पर गहरी नींद में या नशे की हालत में जबकि किसी तरह का होश न हो इस तरह की घटना हो सकती जो जान भी ले सकती तो फिर इसे असम्भव या नामुमकिन या दुर्लभ या मेरे साथ ऐसा नहीं हो सकता समझकर नजरअंदाज़ न करें यदि कुछ लोगों के साथ ये वाकया हुआ हैं तो संभावना हैं कि आगे भी किसी के साथ हो सकता हैं तो हम ऐसा करें कि हमारे साथ या हमारे अपनों के साथ ऐसा हरगिज़ न हो तो सबको करें सावधान... बचाये सबकी जान क्योंकि ये हैं इश्वर का वरदान... न ले चीटी इसका बलिदान... समझे बहनों और उनके भाईजान... ये हैं आज का फरमान... बचाओ चीटी से अपनी जान... रहकर बस थोडा सावधान...  :) !!!
______________________________________________________
१५ जुलाई २०१५
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
●--------------●------------●

कोई टिप्पणी नहीं: