गुरुवार, 26 नवंबर 2015

पोस्ट-३३० : "मिटाना होगा आतंकवाद ... जो करती मानवता का नाश...!!!"


मिटाना होगा
दुनिया से आतंकवाद
जो सदा करता
आदमियत का विनाश
अब न चुप रहना
वरना पड़ेगा दुःख सहना
जब न इंसा रहेगा
हर तरफ सिर्फ़ ज़ुल्म बचेगा
उससे पहले हमको
अपने आपको तैयार करना पड़ेगा 
हर एक आतंकी को
अब निडरता से जवाब देकर 
इस दुनिया में फिर से
अमन चैन का परचम लहराना होगा
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मित्रों...,

‘माँ’ के बाद यदि कोई निःस्वार्थ प्रेम को ताउम्र जीता हैं तो वो हैं एक ‘सैनिक’ जो सदैव बिना मांगे सिर्फ और सिर्फ़ देना जानता हैं यहाँ तक कि कई मायनों में तो उसका त्याग, समर्पण किसी ‘जननी’ की सेवा एवं तपस्या से भी कई गुना अधिक होता क्योंकि एक माँ तो अपनी सन्तान को जनम देती इसलिये उसका अपने बच्चों से लगाव होना बेहद सामान्य बात होती हैं लेकिन हमारे फ़ौजी भाइयों का तो हमसे किसी भी तरह का कोई खूनी रिश्ता नहीं होता लेकिन वो तो फिर भी हमारी सुरक्षा के प्रति सदैव सजग, सचेत रहते यहाँ तक कि एक जन्मदात्री केवल किसी विकट परस्थिति में ही वो भी केवल अपने बच्चों की खातिर अपनी जान दे सकती लेकिन ये सिपाही तो कभी भी किसी भी वक़्त जब भी कोई इस देश और देशवासियों को नुक्सान पहुँचाना चाहता तत्क्षण अपनी जान हथेली पर लेकर उससे भिड़ने तैयार हो जाते और यदि फिर किसी स्थिति में अपने प्राणों को भी न्यौछावर करना पड़े तो एक पल भी न सोचते वो भी उनके लिये जिन्हें न तो जानते न ही कभी मिले केवल दिल से ‘हमवतन’ होने के कारण उनको अपना भाई-बहिन मानते तो शपथ के समय किये गये वादे को हर तरह से निभाते और हम क्या करते कई बार तो उनको याद तक करना भूल जाते जबकि वो देश के प्रहरी व हमारे रक्षक भी अपनी इच्छा से बनते जबकि उनके पास भी अपने जीवन को सुख से जीने के अनेक विकल्प उपलब्ध होते फिर भी अपने घर-परिवार और अपनों से दूर रहने वाला कर्मक्षेत्र चुनते क्योंकि वे तो निःस्वार्थ सच्चे देशभक्त होते हैं यूँ यही दायित्व पुलिस’ का भी होता लेकिन वर्दी पहनते ही उनके रवैये में बदलाव आ जाता लेकिन उनमें भी कुछ ऐसे होते जो पुलिसिया ड्रेस को पहनकर भी अपना फर्ज़ नहीं भूलते और हम चैन से रहे इसलिये अपनी जान गंवा देते हैं

एक ऐसा ही अवसर आया २६ नवंबर २००८ को जब कुछ आतंकवादियों ने इस देश के जनसंख्या बहुल क्षेत्र को अपना निशाना बनाया और देश को भयभीत कर अपने गलत इरादों को कामयाब करना चाहा तब ऐसे समय में ‘पुलिस’ और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा बल’ दोनों ने मिलकर अपना कर्तव्य पूर्ण किया आज उसी शहादत की बरसी... सभी शहीदों को मन से नमन... :) :) :) !!!            
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२६ नवंबर २०१५
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
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