सोमवार, 9 नवंबर 2015

सुर-३१३ : "धनवंतरी जयंती आई... आरोग्य होने का संदेश लाई...!!!"


सदियों से
आयुर्वेद में छिपा
निरोगी, दीर्घायु होने का
अनमोल खजाना
जिसे बिसरा
भोग-विलास में खो
यहाँ-वहां ढूंढता स्वास्थ्य
‘धनवंतरी जयंती’
न सिर्फ पूजा कर मनाओ
उसका वास्तविक महत्व भी
समझो और समझाओ
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मित्रों...,
 

पांच अलग-अलग त्योहारों के ‘पैकेज’ दीपावली महोत्सव का आगाज़ आज ‘धनतेरस’ के साथ हो गया हैं... कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को ‘भगवान धनवंतरी’ हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुये थे... जिन्हें की देवताओं का वैद्य और चिकित्सक आचार्य माना जाता हैं और इनकी पुजा से हम सबको भी लंबी आयु और सदा स्वास्थ्य रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं... वैसे भी हमारे यहाँ मान्यता हैं कि ‘पहला सुख निरोगी काया’ क्योंकि हमारे सारे सुख, सारी खुशियाँ हमारे तन-मन से जुडी हैं... गर, हम इनको हर तरह के रोग से मुक्त रखना कहते हैं तो इसके लिये हमें अपना ध्यान रखने के अलावा अपने बडो का आशीष और आरोग्य के देवता का पूजन करना चाहिये... इसलिये दीपावली जैसे महान पर्व की शुरुआत इस उत्सव से की गई हैं ताकि हम पहले अपने शरीर को पूर्ण रूप से रोगमुक्त रखें उसके प्रति सचेत रहें जिससे कि आने वाली खुशियों का खुले ह्रदय से स्वागत कर उनका आनंद ले सकें... तो आप सभी को सपरिवार सेहतमंद रहने की शुभकामनाओं के साथ ‘धनवंतरी जयंती’ की अनंत बधाइयाँ.... :) :) :) !!!       
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०९ नवंबर २०१५
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
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