रविवार, 8 नवंबर 2015

सुर-३१२ : "आ रहा त्योहारों का पैकेज... !!!"

धनतेरस
रूपचौदस
दीपावली
अन्नकूट
भाई दूज
एक के बाद एक
आते त्यौहार
ऊबे हुये मन के भीतर
जगाते हर्ष अपार
-----------------------●●●

             
___//\\___

मित्रों...,
 
भारत देश की एक मुख्य विशेषता और भी हैं कि यहाँ हर तरह के रिश्तों और हर तरह की परंपरा को पीढ़ी दर पीढ़ी गतिमान बनाये रखने के लिये और जीवन में आई एकरसता को भंग कर उसमें उत्साह का संचार करने के लिये विविध त्यौहार मनाये जाते हैं जो किसी न किसी रवायत और किसी न किसी आस्था से जुड़े होते हैं और जब इनका आगमन होता तो उतने समय के लिये हर कोई अपने सभी ग़मों, अपनी सभी चिंताओं एवं परेशानियों को किसी घर के किसी कोने में रख जमाने के साथ चला पड़ता जो इनका मुख्य उद्देश्य होता जिससे कि उसे अपनी खोई हुई ऊर्जा की भी पूर्नप्राप्ति होती क्योंकि सारे ही वातावरण में सकारात्मकता घुल जाती जो उदासी को हर फिजाओं में उत्साह का छिड़काव कर देती जिससे सराबोर होकर लोग उसके ही रंग में रंग जाते ये तो बात हुई उन एक दिवसीय त्योहारों की जो आये दिन आते रहते लेकिन इस देश में तो ऐसे भी पर्व हैं जो नौ दिन या दस दिन या महीने भर तक चलते रहते हैं जिनके आयोजन की तैयारी कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाती क्योंकि ये महज़ औपचारिकता निभाने की रस्म नहीं बल्कि हमारा सालाना त्यौहार हैं तो घर-घर में साफ़-सफ़ाई का एक लंबा अभियान चालू हो जाता जिसमें हर दिन कोई न कोई काम किया जाता ताकि उसके स्वागत में कोई भी कमी न रह जाये

अभी भी एक ऐसा ही महापर्व आ रहा हैं बल्कि यूँ कहे कि आ चुका लेकिन चूँकि इसकी शुरुआत त्रयोदशी से ही मानी जाती तो कल से इस त्योहारों के इस पैकेज का शानदार आगाज़ हो रहा हैं और इसके साथ ही सभी लोग जो पिछले कई दिनों से काम-काज में जुटे थे अब थोड़ी सी राहत महसूस करेंगे और अपने परिवार के साथ मिलकर ख़ुशी से इसमें शामिल होकर हर पल का आनंद लेंगे जिसके लिये दूर-दराज रहने वाले परिजन भी अपने घर-परिवार के बीच आकर इसका हिस्सा बनते हैं तो ख़ुशी दुगुनी न होकर सौगुनी हो जाती हैं तो कल से आने वाले महापर्व आज की भाषा में बोले तो ‘फेस्टिवल पैकेज’ की सभी को अग्रिम शुभकामनायें... :) :) :) !!! 
__________________________________________________
०८ नवंबर २०१५
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
--------------●------------●

कोई टिप्पणी नहीं: