शुक्रवार, 29 जनवरी 2016

सुर-३९४ : "महाराणा प्रताप का प्रताप... करते हम सब गुणगान...!!!"

दोस्तों...

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वीरता का दूजा नाम
मेवाड़ नरेश ‘महाराणा प्रताप’
देश की आन-बान-शान
साहस से बनाई अमिट पहचान
राजपूतों की मर्यादा
देकर बलिदान रखा मान सदा
झुके न अधर्म के आगे
धर्म हित में अपने प्राण त्यागे
भूले न हम भारतवासी
इतिहास में हुआ एक ऐसा पराक्रमी
जिसके शौर्य की गाथा
आज तलक भी ये जग गाता
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जिस समय इस भारतभूमि पर ‘महाराणा प्रताप’ का सूर्य उदित हुआ उस समय मुगलों का शासन था और ‘सम्राट अकबर’ अपने धर्म का परचम फहराने हर हाल में साहस वीरता और पराक्रम की मिसाल बने मेवाड़ के राजा ‘महाराणा प्रताप’ का सहारा चाहते थे जो हर अत्याचार, हर अन्याय सहने को तैयार थे पर, किसी भी परिस्थिति में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता करना उनको गंवारा न था तो जितनी भी बार उस बादशाह ने अपने छल-बल-दल से उनको हराना चाहा उतनी ही दफा उनको मात मिली फिर भी अपने मिजाज के कारण उनको ये पराजय स्वीकार न हुई तो तो वे तब तक उनके पीछे पड़े रहे जब तक कि उनको अपने मज़हब के आगे झुका न दे लेकिन जिसकी रगों में लहू नहीं फौलाद दौड़ता था वो भला किस तरह से उनके बिछाये जाल में फंसता तो सदैव एक जाबांज शेर की तरह उन्होंने उसका मुकाबला किया यही वजह कि उनके अद्भुत शौर्य को देखकर दुश्मन भी उनकी तारीफ़ करते थे कि किसी भी तरह से वो उनके भाले का सामना करने में खुद को समर्थ न पाते थे तभी तो उनके सामने आने भी घबराते थे ऐसे ही कुशल रणवीर को आज पुण्यतिथि पर नमन कर शब्दांजलि अर्पित करते हैं... :) :) :) !!!          
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२९ जनवरी २०१८
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
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