शनिवार, 30 जनवरी 2016

सुर-३९५ : "महात्मा गाँधी का बलिदान... याद रखेगा हिंदुस्तान...!!!"

दोस्तों...

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गांधीजी’ का जीवन ही
हमारे लिये प्रेरक संदेश बना
जिसने आजीवन ही
परहित खुद को समर्पित किया
देश स्वतंत्रता ख़ातिर       
अपना आप भी लुटा दिया
आज ‘शहीद दिवस’ पर
देश ने उनको सलाम किया
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३० जनवरी १९४८ की सुबह यूँ तो हर दिन की तरह ही आई थी और पूरे देश ने अभी आज़ादी की हवा में साँस लेना आरंभ ही किया था कि ‘भारत वर्ष’ को एक लम्बे समय की दासता से मुक्त कराने वाला मसीहा जिसने बिना अस्त्र-शस्त्र के ही फिरंगियों के चंगुल से अपनी मातृभूमि को छुड़ा लिया था को एक कट्टरपंथी मतिभ्रम के शिकार नौजवान ने केवल अपनी धारणा को सही साबित करने अहिंसा के पुजारी को हिंसा का सहारा लेकर मार दिया तो वो देश जो अभी अपने पाँव पर खड़ा होने की कोशिश ही कर रहा था एकदम से पुनः लडखडा गया कि एकाएक ये कैसा भूचाल आ गया जिसने कभी किसी पर हाथ तक न उठाया न ही अपने जीवन में कभी किसी को ऐसा करने ही प्रेरित किया उसी महात्मा को एक बाग़ी ने इस तरह से सरेआम मार दिया इस घटना ने संपूर्ण देश को शोक की लहर में डूबा दिया किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनके प्यारे ‘बापू’ अब उनके बीच नहीं रहे, उनके ‘राष्ट्रपिता’ अब इस राष्ट्र को अनाथ कर चले गये उस वक्त देश की बागडोर सम्भाल रहे प्रथम प्रधानमंत्री ‘श्री जवाहर लाला नेहरु’ को तो समझ में ही नहीं आ रहा था कि वो किस तरह से आम जनता को इस खबर की सूचना दे वे तो स्वयं ही स्तब्ध थे तो किसी तरह अपने आपको संभाल ये संदेश दिया---

हमारे जीवन से प्रकाश चला गया और आज चारों तरफ़ अंधकार छा गया है, मैं नहीं जानता कि मैं आपको क्या बताऊँ और कैसे बताऊँ हमारे प्यारे नेता, राष्ट्रपिता बापू अब नहीं रहे”।

सचमुच उस दिन हमारे मध्य से रौशनी का पुंज यूँ अचानक क्या गया हम तो अंधकार में खो गये और उस संत के त्याग को ही भूल गये आज शहीद दिवस पर पुण्य स्मरण... :) :) :) !!!      
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३० जनवरी २०१८
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
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