दोस्तों...
आपको मेरा
प्यार भरा नमस्कार...
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इक्कीसवी सदी का सोलहवां साल आप सबको मुबारक हो... सभी के जीवन में ये बहार
लेकर आये... सबकी हर मनोकामनायें पूर्ण हो---
इक्कीसवी सदी बढ़ गयी
पायदान सोलह चढ़ गयी
आ चुके बहुत आगे हम
जिंदगी भी बढ़ती जा रही ।
गुजरती जा रही जो घड़ी
पलट फिर न वो आ रही
वर्तमान ही सबसे कीमती
सबको घड़ी यही बता रही ।
अब तो साल के साथ-साथ
सदियाँ भी बीतती जा रही ॥
अभी ज्यादा वक्त नहीं गुज़रा
जब हमने साल 2000 का स्वागत किया था और आज उसी को साल दर साल सोलहवा पायदान चढ़ते
देख रहे हैं समय जैसे पंख लगाकर उड़ता जा रहा सोचो तो लगता जैसे कल की ही बात हैं
जब हम सबने इक्कीसवी सदी का द्वार खोला था और आज उसी को जवां होते देख रहे हैं तो
कल उसको इससे भी अधिक परिपक्व होते देखेंगे लेकिन ये तो बात समय की हैं जो सदा एक
समान रहता लेकिन हम जो समय के चक्र में फंसे हुये उन पर इसका बड़ा असर पड़ता क्योंकि
इसके एक पल के बीतने से ही हम एक पल आगे बढ़ जाते जिसे फिर चाहकर भी पीछे नहीं ले
जा सकते तो ‘समय चक्र’ सबसे बड़ा शिक्षक हैं जो हमें प्रतिपल कुछ न कुछ सीखाता
बशर्ते हम चौकन्ने रहे फिर तो हमारा दामन ज्ञान के रत्नों से भर जाता और हम यही
चूक जाते जो वक्त के साथ आगे तो बढ़ते पर, उसे बढ़ते नहीं देखते कि जिस तेजी से वो
निकल रहा उतनी ही तेजी से हम खाली हो रहे तो जरूरी कि कभी विचार मंथन भी करें ताकि
उससे निकले हलाहल, मणियों और अमृत रूपी अनुभवों से अपने आपको सही मायनों में
ज्ञानवान बनाये... अंग्रेजी कैलंडर का ये प्रथम दिन और आगे के सभी आने वाले ३६४
दिनों की आप सभी को असीम सुख कामनायें... :) :) :) !!!
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०१ जनवरी २०१६
© ® सुश्री इंदु सिंह “इन्दुश्री’
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