रविवार, 15 जनवरी 2017

सुर-२०१७-१५ : आया ‘सेना दिवस’... आओ मनाये हम सब...!!!

साथियों... नमस्कार...



१५ जनवरी को ‘सेना दिवस’ के रूप में मनाया जाता हैं और ये हमें याद दिलाता हैं कि साल के भले ३६५ दिन हम उन सिपाहियों के प्रति गाफ़िल रहे या केवल रास्ट्रीय दिवस या किसी विशेष अवसर पर ही उनका जिक्र करे लेकिन इस दिन खास तौर से हम अपने देश की हर सेना और उनमें कार्यरत हर सैनिक के प्रति अपने कृतज्ञता प्रकट करे क्योंकि ये अकाट्य सत्य हैं कि वही हैं जिनके कारण हम सब अपने-अपने घरों में मजे से बेफ़िक्र रहते हैं लेकिन आश्चर्य कि एक पल भी हमें ये ख्याल नहीं आता कि सरहदों पर वो हमारे वो अनजान भाई हमारे लिये अपनी जान हथेली पर लेकर खड़े और हम सब जो ‘न्यू ईयर’ या ‘वेलेंटाइन डे’ पर सप्ताह भर पहले से बड़े अलर्ट हो जाते हैं एक-दुसरे को सन्देश भेजना शुरू कर देते हैं और ये तो छोड़ो उसे किस तरह और किसके साथ व कहाँ मानना हैं ये सब तक निश्चित कर लेते लेकिन अफ़सोस कि हमीं लोग इतने महत्वपूर्ण दिन से बेखबर रहते हैं क्या ये सही हैं ???

इस ‘सोशल मीडिया’ का यही सबसे सकारात्मक पहलू हैं कि हम किसी भी मौके पर अपनी बात रख अपने दोस्तों को जागरूक कर सकते पर, अधिकतर हम ऐसी बातों में लगे रहते जो उतनी जरुरी नहीं होती जबकि उससे अधिक महत्वपूर्ण बातों को हम नजरअंदाज़ कर देते जो अधिक प्रभावी हो सकती या बोले तो हम इस प्लेटफार्म का उस तरह से सदुपयोग करना भूल जाते जिस तरह से सही अर्थों में करना चाहिए याने कि अपनी भारतीय संस्कृति अपने इतिहास अपनी पहचान को भी सबके साथ साँझा करे ताकि ये विश्व भी जाने कि हम जमीन से जुड़े लोग जो अपनी मिटटी की खुशबू को अपने तक ही सीमित नहीं रखते बल्कि उसे सबमें बांटते हैं और यही तो हमारी वास्तविक पहचान भी हैं न कि हम सदियों से मिल-जुलकर रहते आये तो फिर उस विश्व-बंधुत्व की भावना को सिर्फ विदेशी त्यौहार मनाने में ही क्यों दर्शाते हमें ये भी याद रखना चाहिये कि ‘दीपक’ तो पहले अपने ही घर में जलाया जाता न... क्या नहीं ???

इतना सब कहने का तात्पर्य यही कि हम अपने पर्व और दिवसों को पहले तवज्जों दे फिर दूसरों के गम या खुशियाँ बांटे... १५ जनवरी १९४९ को लेफ्टिनेंट ‘जनरल के.एम. करियप्पा’ ने भारतीय सेना के ‘कमांडर-इन-चीफ’ का पदभार संभाला तभी से आज के दिन को ‘सेना दिवस’ के रूप में मनाया जाता हैं और जानकारी के लिये बता दूँ कि भारत की ‘थल सेना’ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थल सेना हैं तो चले आज ‘सेना दिवस’ पर अपने फौजी भाइयों का हृदय से आभार व्यक्त करे कि हर मौसम, हर हालात, हर वक़्त वो अपने सीने की ढाल पर दुश्मन के वार को झेलने तैयार खड़े रहते तो उनकी रक्षा दीवार की आड़ में हम महफूज़ रहते और वही हमारी शुभकामनाओ से वंचित रहे ये सही तो नहीं न तो... आओ चलो हम सब ईश्वर से उनकी सुरक्षा की प्रार्थना करते हुये इस दिन की शुभकामनायें उनको प्रेषित करें... :) :) :) !!!   
    
_____________________________________________________
© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)


१५ जनवरी २०१७

कोई टिप्पणी नहीं: