शनिवार, 28 जनवरी 2017

सुर-२०१७-२८ : आया ‘डाटा प्राइवेसी डे’... रहकर सुरक्षित सब मनाओ रे...!!!

साथियों... नमस्कार...


इस तकनीकी युग में जबकि सब कुछ यंत्रचलित हो चुका हो और लोग वास्तव में सामाजिक होने की जगह ‘आभासी सोशल मीडिया’ पर न सिर्फ रिश्ते निभा रहे हैं बल्कि बिना सोचे-समझे नये रिश्ते-नाते बना रहे भी हो तब ये बहुत ज्यादा जरुरी हो जाता हैं कि एक ऐसा माध्यम जहाँ पर कि आपके द्वारा दी गयी जानकारियों को जान-पहचान के लोगों के अलावा अंजान भी देख-पढ़े रहे हो उसे किस तरह सुरक्षित रूप से साँझा किया जाये इसका ज्ञान आपको हो क्योंकि चंद लोग ही नहीं अब तो संपूर्ण विश्व ही इस जगह पर एक साथ खड़ा हैं तो ऐसी स्थिति में खतरे बहुत अधिक बढ़ जाते हैं इस अदृश्य प्लेटफार्म पर आप केवल चैटिंग या सेटिंग ही नहीं कर रहे बल्कि ऑनलाइन शौपिंग और बैंकिंग जैसे विकल्पों का भी धडल्ले से प्रयोग कर रहे हैं तो ऐसे में अपनी निजता की रक्षा और अपने महत्वपूर्ण आंकड़ों की सुरक्षा दोनों ही आपका दायित्व हैं क्योंकि एक जरा-सी चुक से आप किसी भी तरह के अपराध का शिकार हो जाते हैं

अजी, ये तो वो जमाना हैं जब मछली पकड़ने के लिये लोग किसी समंदर या तालाब के किनारे जाल डालकर बैठे हो बल्कि अब तो ‘फिशिंग’ भी यहीं पर की जाती हैं बस, आप को ही खबर नहीं कि मछलियाँ आप ही होते हैं जो उनके फेंके दाने याने कि आकर्षक संदेश, लुभावने ऑफर पर फिसल जाते हैं अफ़सोस कि इस बात का पता आपको तब चलता जब आपके बैंक अकाउंट से बड़ा भारी अमाउंट चोरी हो जाता या फिर आपकी व्यक्तिगत जानकारी का कोई दुरपयोग कर लेता इन सब तरह की परेशानियों से बचने ही आज के दिन २८ जनवरी को ‘इंटरनेशनल डाटा प्राइवेसी डे’ मनाया जाता ताकि वे लोग जो कि तरह-तरह के गेजेट्स के माध्यम से अपने संवेदनशील डाटा को शेयर कर रहे हैं वो सुरक्षित तरीके से बिना किसी अपराधी के झांसे में आये उसका उपयोग कर सके नहीं तो जरा-सी लापरवाही आपको किसी भी गिरोह के शिकंजे में फंसा सकती हैं

आये दिन न जाने कितने किस्से हम सब पढ़ते या सुनते रहते जो कि ‘साइबर क्राइम’ याने कि उस तरह के अपराधिक मामलों से जुड़े होते जिन्हें कि इस जगह इंटरनेट की माध्यम से अंजाम दिया जाता और अक्सर इसकी वजह हम स्वयं ही होते जो अपने लापरवहाना रवैये या सिक्यूरिटी के विकल्पों से अनभिज्ञ होने से खुद ही उन शातिर शिकारियों को जो जाल बिछाकर हमारे चारो तरफ बैठे ये मौका देते कि वो हम पर हमला कर सके । हम केवल नये-नये एप्स को डाउनलोड करना पसंद करते लेकिन उससे हमारी निजता भंग हो रही ये धयन नहीं देते तभी तो किसी भी ‘सॉफ्टवेयर’ या ‘एप्प’ को इंस्टाल करते समय उसके द्वारा जो ‘टर्म्स एंड कंडीशन्स’ भेजी जाती उनको न तो उनको पढ़ने जकी जहमत ही उठाते और न ही गंभीरता से लेते हैं और हमारे आँख मूंद लेने या नजरअंदाज करने का ही वो फायदा उठाते इस तरह अनजाने में ही हम उन्हें अपना डाटा शेयर करने की अनुमति दे देते हैं ।

फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, व्हाट्स एप्प और भी जान कितनी सोशल साइट्स हैं जिनका उपयोग हम सब आजकल कर रहे और बड़ी बेबाकी से अपनी बड़ी पर्सनल फोटोज, अपनी गोपनीय जानकारी, अपने रिश्ते-नाते, अपनी छोटी-से-छोटी बातें, अपना पूरा टाइमटेबल, खाना-पीना, घूमना-फिरना, पल-पल की खबर अपडेट कर रहे बोले तो एकदम खुली किताब बन रहे और खुद को सेलेब्रिटी फील कर मगन हो रहे लेकिन ये सोच नहीं रहे कि जिनके बीच हम ये सब भजे रहे उनमें ही कोई अपराधी प्रवृति का व्यक्ति भी छिपा हो सकता जो इनको गलत तरीके से इस्तेमाल कर हमें ब्लैकमेल या फिर हमारे घर में सेंध लगा सकता क्योंकि कई ऐसे किस्से भी सुनने में आये जबकि लोगों ने बड़ी शान से सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि हम फलां जगह घूम रहे और उसी समय चोरों के गिरोह ने उनके घर डाका डाल दिया बोले तो एक तरह से हमने ही उनको निमंत्रण दिया कि आओ, हमारे घर चोरी करो अभी हम बाहर हैं । इसी तरह कई लडकियों की तस्वीरों का गलत ढंग से उपयोग किया गया हैं क्योंकि उन्होंने खुद को सेलेब्रिटी तो समझ लिया पर, ये भूल गयी कि उनके प्रोफाइल या पेज उनके फेंस के लिये सार्वजानिक होते और वे उसके लिये किसी विशेषज्ञ की मदद भी लेती ताकि इन परिस्थितियों को हैंडल कर सके लेकिन हम तो नकल के चक्कर में मारे जाते हैं न ।

हम किसी भी तरह के एप्प का प्रयोग करें या चाहे कहीं भी अपना अकाउंट बनाये पर, उनका पूरी तरह सावधानी से उपयोग करें और उनमें दिये गये सिक्यूरिटी फीचर्स को अच्छी तरह से समझकर फिर अपना डाटा उस पर शेयर करें नहीं तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि वो सब बातें जो आप सिर्फ अपने दोस्तों या फॅमिली से ही साँझा करना चाहती थी प्राइवेट की जगह पब्लिक हो गयी । सभी एप्लीकेशन में आपको इस तरह के अनेक सिक्यूरिटी ऑप्शन्स मिलेंगे पर, हो सकता आपको इनकी जानकारी न हो तभी तो ‘फेसबुक’ पर किसी-किसी की टाइमलाइन पर जाओ तो लगता ही नहीं ये उसकी व्यक्तिगत प्रोफाइल हैं क्योंकि दुनिया भर के लोगों की पोस्ट वहां चिपकी मिल जाती और उसी तरह सबको पता नहीं कि हर पोस्ट को सेट कर सीमित दायरे में ही प्रदर्शित किया जा सकता तो वो सबको शो हो जाती तथा टैग की गयी पोस्ट को भी पर्सनल रखकर अपनी टाइम लाइन को साफ-सुथरा रखा जा सकता हैं।

‘डाटा सिक्यूरिटी डे’ का उद्देश्य यही कि हम आपराधियों से डरकर भागे नहीं बल्कि इन सब प्लेटफॉर्म्स का जमकर उपयोग करें वैसे भी, आने वाला समय तो पूरी तरह इन पर ही आश्रित होगा तो फिर हम किस तरह से बचकर गुज़ारा कर पायेंगे इसलिये दरकार नहीं डटकर यहाँ हर स्थिति का सामना करे और यदि आपको जानकारी नहीं तो विषय विशेषज्ञ से हेल्प ले या गूगल पर जाके समझे या जानकर से पूछे लेकिन पलायन नहीं करे केवल सतर्कता, समझदारी और संयम से काम करे... तो इसी उम्मीद के साथ कि सब अपने डाटा को प्राइवेट एंड सिक्योर रखने का प्रयास करेंगे... सबको इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनायें... तकनीक में ही सब उपाय हैं बस, जरा ध्यान देने की जरूरत... नहीं तो एक गलत ‘क्लिक’ और आप दलदल में ‘स्लिप’... :) :) :) !!!                 
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

२८ जनवरी २०१७

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