गुरुवार, 26 जनवरी 2017

सुर-२०१७-२६ : अपनाया ‘संविधान’... गणतंत्र दिवस मना...!!!

साथियों... नमस्कार...


२६ जनवरी का दिन हमारे लिये सिर्फ इसलिये महत्वपूर्ण नहीं हैं कि १५ अगस्त १९४७ को हमने अंग्रेजों की दासता से मुक्ति पाकर अपने देश को सुचारू रूप से चलाने अपना ‘संविधान’ बनाने की ठानी और फिर ‘डॉ भीमराव अम्बेडकर’ के नेतृत्व में इस वृहत कार्य को पूर्ण करने की योजना बनी गयी इस प्रकार शुरू हुआ यह कार्य एवं इसे लिखने में पूरे 2 साल ११ महीने और १८ दिन लगे और फिर २६ नवम्बर १९४९ को ‘भारतीय संविधान सभा’ ने इसे अपनाया जिसके कारण हम २६ नोवेम्बर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाते हैं तथा इसके बाद २६ जनवरी १९५० प्रातः १०:१८ मिनट पर इसे एक ‘लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली’ के साथ लागू किया गया था। इसे अपनाने व लागू करने के लिये २६ जनवरी का दिन ही इसलिये चुना गया क्योंकि १९३० में इसी दिन ब्रिटिश शासन के अंतर्गत ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ (आई० एन० सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर ‘स्वराज दिवस’ मनाया था इसलिये जब स्वतंत्रता हासिल हुई तो ये निश्चित किये गया कि यही दिन इसके लिये उपयुक्त रहेगा तो इस तरह ’२६ जनवरी’ हमारा ‘गणतंत्र दिवस बना ।

इसके अलावा भी इस दिन से कई अन्य रोचक तथ्य जुड़े हुये हैं जो इसे और भी अधिक महत्वपूर्ण बनाते हैं लेकिन हम सब केवल यही याद रखते कि आज के दिन हमारा संविधान लागू हुआ जिससे हमारा भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बना और यह दुनिया का सबसे बड़ा संविधान हैं परंतु हमें निम्न बातें भी ध्यान रखना चाहिये---

१.    २६ जनवरी १९५० को स्वतंत्र भारत के पहले और अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने अपने पद से त्यागपत्र दिया
२.    डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने और आज ही के दिन उन्होंने ‘गवर्नमैंट हाऊस’ में अपने पद की शपथ ली थी
३.    यूँ तो हिंदी को १४ सितंबर १९४९ को संविधान सभा में आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया लेकिन २६ जनवरी १९५० को इसे संविधान में अनुसूचित किया गया तथा १९५४ में हिंदी व्याकरण तैयार करने समिति का गठन किया जिसकी वजह से ये आज दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली चौथी भाषा हैं तथा देश की उन सात भाषाओँ में भी शामिल जिसमें वेब एड्रेस लिखा जा सकता हैं  
४.    मोर के अद्भुत सौन्दर्य के कारण २६ जनवरी १९६३ को भारत सरकार ने आज ही दिन उसे ‘राष्ट्रीय पक्षी’ घोषित किया
५.    इसी दिन १९७२ में युद्ध में शहीद हुये सैनिकों की याद में दिल्ली के इंडिया गेट पर ‘अमर जवान राष्ट्रीय स्मारक’ की स्थापना भी की गयी जिसे याद न करना कोई अच्छी बात तो नहीं
६.    सन २००२ में भारत के 53वें गणतंत्र दिवस पर अग्नि-२ मिसाइल को प्रदर्शित किया जो भारत का गौरव व आकर्षण का केंद्र बनी
७.    भारत की पहली महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने २००८ में परेड की सलामी ली

आज फिर इसके साथ एक और सम्मानीय बात जुड़ गयी कि विश्व की सबसे बड़ी इमारत ‘बुर्ज खलीफ़ा’ को भारतीय तिरंगे की लाइट्स के द्वारा सज्जित किया गया हैं और इसके अतिरिक्त आज 68वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कई चीजें पहली बार परेड में शामिल की गईं... जैसे...

यूएई का दस्ता पहली बार परेड का हिस्सा बना

यूएई से परेड में हिस्सा लेने के लिए 144 जवान आये

इसके साथ देसी धनुष तोप पहली बार यहां दिखी

जबलपुर की गन कैरिज फैक्टरी द्वारा निर्मित 155 मिमी की इस तोप की लागत 14.50 करोड़ रुपये है यह भारत द्वारा 1980 के दशक में खरीदे गए बोफोर्स तोपों का उन्नत रूप है

टी-90 भीष्म टैंकों, इंफैंटरी कॉम्बैट व्हीकल बीएमपी -2के, वेपन लोकेटिंग रडार स्वाति, सीबीआरएन रीकान्सन्स व्हीकल को भी परेड में शामिल किया गया

ये हम सबके लिये गर्व की बात हैं और हम आज के दिन यही दुआ करे कि एक दिन सारी दुनिया हमारे रंग में रंगे... आमीन... :) :) :) !!!
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

२६ जनवरी २०१७

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