बुधवार, 11 अक्तूबर 2017

सुर-२०१७-२८२ : लघुकथा : ‘मीडिया ट्रायल’ !!!



यार, आज तू शोपिंग मॉल में किसके साथ था ?

अरे, वो... वो तो मेरी नई गर्लफ्रेंड हैं ‘तनु’ बोले तो ‘तनूजा’

फिर तो तुझे ये भी पता होगा कि वो फ़ेमिना हैं और एक नारीवादी संगठन की अध्यक्ष भी जो आये दिन मर्दों की बैंड बजाती रहती हैं  

हाँ, अच्छा से पता हैं

उसके बाद भी तूने ये गुस्ताखी की बेटा, ये न समझना तू अपनी पिछली गर्लफ्रेंड्स की तरह इसे छोड़ देगा तो ये भी तुझे यूँ साफ़-साफ़ ही छोड़ देगी... बल्कि, पहले तो सोशल मीडिया पर तुझे बदनाम करेगी जहाँ तूने अपनी बड़ी नारीवादी समर्थक की इमेज बना रखी हैं और उसके बाद खुद तो अच्छी से धोयेगी ही, अपनी सहेलियों के साथ मिलकर तेरा ज़नाजा भी निकलवा देगी इस बार तो तू गया मि. रोमियो...

हंसते हुए उसने कहा, इसका मतलब तू लव के नये नियम बोले तो डिजिटल रूल्स नहीं जानता यार, आजकल इन फेमिनाओं को फंसाने के लिये खुद को उनका फॉलोवर शो करना पड़ता हैं जिससे ये आसानी से इम्प्रेस हो जाती हैं और दूसरा फ़ायदा कि ये खुद ही लॉन्ग रिलेशन में पड़ना नहीं चाहती तो अपने को भी झंझट नहीं और फेमिनिज्म का इतना गुरुर कि लिव-इन में रहने भी राजी हो जाती जिससे अपना ही काम आसान होता...

सच बोलूं तो जब से इस तरह की लडकियाँ सक्रिय हुई अपनी तो निकल पड़ी इनके साथ नो लफड़ा, नो रोना-धोना, नो शर्म-हया, नो रीति-रिवाज़, नो संस्कार, नो प्रेगनेंसी का डर, नो शादी का दबाब उपर से ये कमाती तो खर्चे-पानी की भी चिंता नहीं और उसके बाद भी कोई सेंसिटिव निकल ही गयी और सोशल मीडिया पर, ज्यादा चिल्ल-पो मचाई, तब भी डरने की कोई जरूरत नहीं उसे ‘मीडिया ट्रायल’ का नाम देकर पल्ला छुड़ा लो आँख दबाकर हंसते हुये उसने जवाब देकर ताली देने हाथ बढ़ाया तो जिस पर उसके दोस्त ने अपना हाथ देकर सहमति जताई तो दोनों ने जमकर ठहाका लगाया     
                
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

११ अक्टूबर २०१७

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