बुधवार, 25 अक्तूबर 2017

सुर-२०१७-२९६ : रिश्ते रूहानी... होते आसमानी...!!!



हाइकूकी माध्यम से एक प्राकृतिक प्रेम-कहानी को शब्दों में पिरोने की कोशिश की हैं... 
ये प्रेमी-प्रेमिका आपके जाने-पहचाने हैं... 

चलिये फिर भी आपकी जानकारी के लिये इनके नाम बता ही देती हूँ---

प्रेमी  ---- ‘चाँद
प्रेमिका --- ‘चांदनी



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उसने कहा
मुझे चाँद चाहिए
मैं चाँद बना ।।
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वो हैं चांदनी
मैं उसका चंद्रमा
आधे-अधूरे ।।
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रात में आता
गुप-चुप मिलता
आसमां तले ।।
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वो ओढ़े आती
सितारों की चूनर
लजाती हुई ।।
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प्यार हमारा
धीरे-धीरे बढ़ता
पूर्ण हो जाता ।।
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प्यार हमारा
धीरे-धीरे घटता
लुप्त हो जाता ।।
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प्यार हमारा
कभी खत्म ना होता
घटे या बढे ।।
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ग्रहण लगा
दुनिया ने डराया
पीछे ना हटा ।।
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शापित हुआ
ये दुःख भी झेला
पर ना डिगा ।।
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१०.
प्रीत हमारी
थी सबसे निराली
अमर हुई ।।
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आज भी इनका प्रेम अमर हैं और सबके लिये प्रेरणास्त्रोत कि किस तरह से ये दोनों सदियों से एक-दूसरे का साथ निभा रहे हैं... <3 !!!
       
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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)

२५ अक्टूबर २०१७

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