बड़ी कठिन
मुश्किलों से
भरी हुई
कदम-कदम पर
इम्तिहानों
हर मोड़ पर
झटकों
नये-नये छलावों
से छलती
इक धोखा है जिंदगी...
उतनी ही मायावी
मन को भरमाती-ललचाती
मृग-मरीचिका है
दुनिया
ख़ुशी से जीने
के लिये जिसमें
जरुरी हैं कुछ ख्वाहिशें
खोखली ही सही
झूठी हसरतों की
नुमाइंदगी...
वे न हो गर तो,
न जाने कितने
जीवन
मंझधार में ही
डूब जाये
कितने लोग समय
से पहले ही
खत्म हो जाये तो
जरूरी है रब की
बंदगी...
बस, रखना ये ख्याल
कि,
पैरों तले जमीन
खिसक न जाये
भ्रम के
तिलिस्म टूट न जाये
भले एकदम झूठी हो
फिर भी पास कोई
तो वजह हो
बनाये रखे जो हस्ती...
कभी भूले से भी
न बताना उनको
ये सच
समझकर उसे
मज़बूत सहारा
खड़े हुये जो लोग
सुनकर ये कडवा
सच
जीते जी ही न मर
जाये कहीं
भ्रम भरी
ज़िन्दगी ।।
#भ्रम_नहीं_ब्रह्म_जीवन_का_सत्य
_____________________________________________________
© ® सुश्री इंदु
सिंह “इन्दुश्री’
नरसिंहपुर
(म.प्र.)
१५ दिसम्बर २०१८
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें