शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

सुर-२०१८-३५८ : #आजकल_चरित्र #महज़_प्रमाण_पत्र




कभी आत्मबल
संयम, नियम पालन से
हीरे की तरह
सावधानी से तराशकर
गढ़ा जाता था
इंसान का चरित्र
जो अब बड़ी आसानी से
कागज़ पर लिख
बना उसका प्रमाण-पत्र
निर्धारित कर दिया जाता है
जिसका कोई लेना-देना नहीं होता
आचरण या व्यक्तित्व से
वो तो तय होता
आदमी के कद और रुतबे से
नहीं कोई मापक यंत्र
जो कर सके इसका आकलन
अब तो लिखा हुआ ही
सर्वोपरि होता
वास्तविकता का जिसमें
कोई अंश नहीं होता
तभी तो...
मिटते ही नामोनिशान
वो भी हो जाता गुमनाम
पर, जो सचमुच होते चरित्रवान
उनका होता सदा गुणगान ।।

#कैरेक्टर_नॉट_सर्टिफिकेट

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२८ दिसम्बर २०१८

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