शनिवार, 22 दिसंबर 2018

सुर-२०१८-३५२ : #हर_कोई_उसका_दीवाना_है




गोकुल की
हर एक गोपी
हर ग्वाल-बाल
सारा का सारा जमाना
हर कोई उसका दीवाना हैं ।
.....
उसकी बंशी
उसकी बोली
उसकी चाल
उसकी मुस्कान
उसकी हर एक अदा ने
सबको अपना बना डाला हैं ।
.....
जो भी देखे
जो भी सुने
जो भी मिले
उसका ही हो जाये
उसके बिन जी न पाये
नजर उसकी जो कातिल हैं ।
.....
हर आँख रोई
हर दिल तड़फा
जब चले गये कान्हा
छोड़ कर अपना धाम
सब रो-रोकर याद करते
हर कोई विरह में पागल हैं ।
……….

#मासानां_मार्गशीर्षोऽहं
#महीनों_में_मैं_मार्गशीर्ष_हूं
#मार्गशीर्ष_पूर्णिमा

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२२ दिसम्बर २०१८

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