बुधवार, 26 दिसंबर 2018

सुर-२०१८-३५६ : #नहीं_भूल_सकते_वो_नाम #उधम_सिंह_ने_किया_ऐसा_काम




इस देश ने अपनी आँखों से अनगिनत शासकों को देखा और अनेकों जुल्म सहे जो इतिहास के पन्नों में रक्तिम स्याही से लिखे हुये है जिनमें जलियावाला बाग़ जैसा क्रूरतम व जघन्य नरसंहार दूसरा कोई नहीं जहाँ घेरकर बच्चे, बूढ़े, युवा और असहाय लोगों को बड़ी निर्दयता के साथ एक अंग्रेज सनकी अफसर ने मौत के घाट उतर दिया जिसके निशान वहां अब तलक मौजूद है

जो उस खूनी खेल की निर्मम दास्तान दर्दीले स्वर में बयान करते है जिन्हें पढ़-सुनकर ही हमारा दिल दहल जाता और रगों में बहने वाला खून खौल उठता है ऐसे में जिन्होंने उस भयवाह घटना को दिल पर पत्थर रखकर सहा या उस समय घटनास्थल पर जाकर उस खौफ़नाक मंजर को अपनी आँखों से देखा भले, वे उस पीड़ा को अपनी जुबां से व्यक्त नहीं कर सकते पर पर, अपनों की मौत का बदला जरुर चाहते है

इसने जिस नवजवान को सर्वाधिक प्रभावित किया उसने अपने जज्बे को अपने भीतर उस वक़्त तक जज्ब कर के रखा जब तक कि लन्दन जाकर उस हत्यारे को उसके अंजाम तक नहीं पहुंचा दिया उसके बाद ही उसे चैन मिला ऐसे वीर देशभक्त शहीद को आज उसकी जयंती पर बारम्बार नमन जिसने माँ भारती के सपूत होने का फर्ज ही नहीं निभाया बल्कि, उन सब मृतात्माओं को सुकून भी पहुँचाया

वे सब जो कहने को उसके रिश्तेदार नहीं थे पर, उसके बावजूद भी उन सबसे उसका रूहानी रिश्ता था और जो न्याय की तलाश में न जाने कब से भटक रहे थे और जब अन्याय का प्रतिफल न मिले तो फिर इस तरह ही प्रतिकार लेना पड़ता है अपना हक छीनना पड़ता है तो उसने भी वही किया और जिस तरह किया वो सुनने में असम्भव लगता पर, उसने उसे सच कर दिखाया आज उस बहादुर को जन्मदिन की मुबर्बाद... उधम सिंह जिंदाबाद... ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२६ दिसम्बर २०१८

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