शुक्रवार, 7 दिसंबर 2018

सुर-२०१८-३०७ : #मनाओ_सशस्त्र_सेना_झंडा_दिवस #सैनिकों_के_कल्याण_हेतु_करो_निवेश




8 साल का नन्हा यश स्कूल से घर आते ही बोला, "मां, हमारे स्कूल में मैडम ने सबको कल १०लाने को कहा है"

माँ उसके स्कूल बैग से लंच बॉक्स निकालते हुए बोली, "क्यों?" तो वो उनको समझाने लगा कि, "मम्मा, वो एक स्टिकर दे रहे जिस पर झंडा बना है मेरे सब दोस्तों ने लिया तो मैं भी लूंगा प्लीज़ आप कल पैसे दे देना"

उसकी बात सुनकर मां मुस्कुराते हुए बोली, "उस स्टिकर का मतलब पता है तुम्हें वो क्यों देते है" तो वो तपाक से बोला, "नहीं मम्मी, आप ही बताओ क्यों देते है" तब उसकी माँ उसे बताने लगी, "बेटा, आपको ये तो पता है न कि हमारे देश की रक्षा सैनिक करते और यदि वे न हो तो हम अपने घरों में चैन से नहीं रह सकते" तो वो तुरंत अपने नन्हे हाथों से बन्दूक का पोज बनाकर ठांय-ठांय की आवाज़ निकालकर बोला, "हां मां, ये तो मुझे अच्छे से पता और एक दिन मैं भी अपने देश के लिये जरूर कुछ करुंगा"

उसकी बात सुनकर मां ने उसको गले से लगते हुये कहा, 'जरूर करोगे यदि अभी से उसकी तैयारी करोगे तो मैं बता रही थी कि हमारे जो सैनिक देश की सरहद पर हमारे लिए दुश्मनों से लड़ते हमारी हिफाज़त करते उनके प्रति हमारा भी तो कोई फ़र्ज़ बनता है या नहीं"

वो बोला, "मां क्यों नहीं बनता हमसे जो बन पड़े हमें उनका सहयोग करना चाहिये" तो वो आगे बोली, "यश, यही सोचकर तो हमारे देश में 7 दिसम्बर को #सशस्त्र_सेना_झण्डा_दिवस मनाया जाता जिसके लिए प्रतीक स्वरुप ये स्टिकर दिये जाते ताकि, जो भी राशि एकत्रित हो वो उनके परिवार वालों को दी जा सके और इस तरह से हम सब भी उनकी मदद में शामिल हो सकें । तुम्हें ये भी जानना चाहिये कि जब हमारा देश आजाद हुआ उसके बाद 1949 से इसे #झण्डा_दिवस के रूप में मनाते थे पर, 1993 से इसे ये नाम दे दिया गया । इससे जो राशि एकत्रित होती उसे युद्ध में शहीद होने वाले व सेवारत वीरों के परिवार वालों के कल्याण हेतु खर्च किया जाता है"

उनकी बात सुनकर यश खुश हो गया कि, ये तो बड़ा अच्छा काम है मैं देश के सिपहियों के लिये ये झण्डा जरूर लूंगा और अपने बाकी दोस्तों को भी ये बात बताऊंगा कि, वो चॉकलेट नहीं झण्डा खरीदे और वो खुशी-खुशी गाने लगा... नन्हा-मुन्ना राही हूं, देश का सिपाही हूं, बोलो मेरे संग... जय हिन्द... जय हिन्द... ☺ ☺ ☺ !!!

#बच्चों_को_जागरूक_करें
#हर_दिवस_का_इतिहास_कहें

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०७ दिसम्बर २०१८

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