रविवार, 23 दिसंबर 2018

सुर-२०१८-३५३ : #लघुकथा_कवयित्री_होना_आसान_है




वाह, दीदी आप तो फेसबुक पर सेलिब्रिटी बन गयी आपकी कविता डलती नहीं कि लाइक-कमेंट्स की झड़ी लग जाती है कोई माने या न माने मगर, ये सच है कि जिस तरह आपने सोशल मीडिया पर महिलाओं के दिल की बातों को कविताओं के जरिये सामने रखा वो सबको अपने ही मन की बात लगती जब से आपकी फैमिली से परिचय हुआ तो अब मैं भी आपकी फैमिली मेम्बर ही हूँ ‘प्रिया’ को प्यार देना और कहना कि मौसी उससे मिलने जल्दी ही आयेगी ।

नितारा ने मेघना के पर्सनल नम्बर पर मैसेज किया और तुरंत रिप्लाई आया कि, जब भी आना हो बता देना फिर मिलकर बात करते है ।

एक दिन जब वो किसी काम से कोर्ट गयी तो वहां उसे मेघना की बेटी ‘प्रिया’ मिल गयी जो वहां किसी से कोर्ट मैरिज करने आई थी जब उसने इसकी वजह पूछी तो उसने रोते हुये बताया कि, मौसी, मम्मी जबरदस्ती मेरी शादी किसी दूसरे लडके से करना चाहती जबकि, मुझे राहिल पसंद है पर, वो दूसरी जात का है इसलिये मम्मी उसके अगेंस्ट है ऐसे में मुझे मजबूर होकर ये कदम उठाना पड़ा उसने रिक्वेस्ट भी की कि, प्लीज आप उनको अभी ये बात बिल्कुल भी नहीं बताना आफ्टर मैरिज तो पता चल ही जायेगी पर तब कोई खतरा नहीं होगा

वो सोचने लगी कि, जो द्रोपदी, सीता, यशोधरा तक के मन की बात जानती और उस पर कवितायें रचती अफ़सोस उसे खुद के घर की बिटिया की पसन्द-नापसंद से कोई सरोकार नहीं वाकई, फेसबुक पर कविता लिखना बड़ा आसान है

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२३ दिसम्बर २०१८

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