बुधवार, 5 दिसंबर 2018

सुर-२०१८-३०५



#दीपिका_प्रियंका_ने_भी_किया_विवाह
#फेक_फेमिनाओं_का_ हुआ_दिमाग_ खराब
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दीपिका-रणवीर की शादी के बाद उनकी ब्याह की पहली तस्वीर जैसे ही इंटरनेट पर वायरल हुई उसके इंतज़ार में बैठी फेमिनाओं के दिल पर मानो बिजली गिरी जैसे ही उन्होंने उसे ज़ूम किया उसकी चुनरी पर लिखा #सदा_सौभाग्यवती_भवः दिखा फिर तो समझो जैसे कोई बम ही फटा लगी बौराने कि इसका क्या मतलब, ये आशीर्वाद किसे दिया गया है पर, वो दीपिका जो माय_लाइफ_माय_चॉइस की पैरवी करती उससे पूछने की किसी की हिम्मत न हुई कि कहीं यही जुमला मुंह पर मार दिया तो फिर क्या खाक इमेज रह जायेगी तो बेचारी खून का घूंट पीकर खामोश रह गयी

उन्हें उससे ऐसी उम्मीद कतई नहीं थी अनुष्का, सोनम, नेहा धूपिया पहले ही दिल तोड़ चुकी इसलिये सदमा थोड़ा ज्यादा हुआ कि हमारी गैंग से एक फेमिना कम हुई जो अब तक बिंदास रहती थी एक अफेयर के ब्रेक होने के बाद ही इतनी संजीदा और गंभीर हो गई कि दूसरा चांस लेने से बेहतर शादी का विकल्प चुना और शादी भी इतनी परंपरावादी कि हर रस्म ही नहीं निभाई दो-दो रीति-रिवाजों से उसे रचाई याने कि जितना इन फेमिनाओं के मंसूबों पर पानी फेर सकती थी उससे बढ़कर किया और इतने तो रिसेप्शन दिए कि वे देखती ही रह गयी

उनके गुस्से की वजह ये थी कि अब अपनी रोल मॉडल को विवाह करते देख बाकी भी उसके पदचिन्हों पर चले तो सारी मेहनत बेकार जायेगी जो वो अब तक विवाह संस्था को बेकार, बेमानी साबित करने में खर्च कर चुकी यहाँ तक कि विवाह के तमाम चिन्हों को त्याग कर अपने आपको अति-आधुनिक तक दिखने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी और जो कमी रह गयी तो बच्चों को जन्म देना या उनका पालन-पोषण करने जैसे कामों पितृसत्ता के मत्थे मढ़कर खुद के नारीत्व, मातृत्व तक को दरकिनार कर पुरुषों की बराबरी का नया रास्ता खोज लिया पर, ये सब तो उनके उस कमजोर ढांचे को गिराने में लगी है

ऐसे में उन्होंने प्रियंका से अपनी बची-खुची उम्मीद जोड़ ली कि वो भले देसी गर्ल है पर, लड़का विदेशी वो भी उम्र में खुद से कम ढूंढा है तो जरूर हमारी अपेक्षाओं पर खरी उतरेगी पर ये क्या उसने तो न केवल अपने देश में आकर बल्कि, बिल्कुल पारंपरिक तरीके से विधिवत शादी की पहले बकायदा रोका, फिर एंगेजमेंट और बेचलर पार्टीज तक कर डाली जो यहाँ संभव नहीं तो विदेश में ही कर ली फिर यहाँ आकर बाकी की रस्में निभाई मेहँदी, संगीत आदि और जोर-शोर से शादी की

उसके बाद बड़ा-सा सिंदूर लगाकर उसने अपनी फोटोज शेयर की जिसे देखकर वे जब उसको कुछ कह न सकी तो शादी के शाही खर्चे और उसमें फूटने वाली आतिशबाजी पर ही अपना गुस्सा निकालने लगी ये कहकर ही एक-दूसरे को तसल्ली देने लगी कि ये नायिकाएं तो ऐसी ही होती है बातें कुछ करेंगी और काम उसके विपरीत करेंगी ये कोई फेमिनाएँ है क्या हुंह...

अब उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि वे किस तरह से विवाह संस्था को गैर जरूरी सिद्ध करें तो वही घिसा-पिटा राग छेड़ दिया कि इनकी शादी तो महज दिखावा है चार दिन की चांदनी इनके चक्कर मे आकर क्या फैसला लेना इन्हें तो कोई फर्क पड़ता नहीं आज इनकी शादी की वजह से अब ने जाने कितनी लड़कियां शादी करेंगी और बड़े-से बड़े आयोजन में रुपया पैसा बहेगा उसके बाद इनका क्या ये तो सिंदूर श्रृंगार में एक-दो पोज खींचा लेंगी पर हमें तो बातें सुनानी पड़ेगी तो यही ठीक है कि इनकी शादी को तमाशा घोषित कर दो तो सबने सामूहिक रूप से वही करना शुरू कर दिया

उधर वो लोग रिसेप्शन पर रिसेप्शन दिए जा रही फोटोज खिंचवाए जा रही जबकि, फेमिनिज्म का ये कतई मतलब नहीं कि शादी न करो या परंपराओं को ठुकराओ या सिंदूर न लगाओ या माँ न बनो और बच्चे न पालो बल्कि, उसके वास्तविक मायने कि लड़की या औरत होते हुए ही पुरुषों के बराबर समानता हासिल करो न कि मर्द ही बन जाओ उस हिसाब से दोनों ने फेमिनिज्म को विस्तार ही दिया उसका आयाम बढ़ा दिया कि शादी के साथ भी उसे निभाया जा सकता बरकरार रखा जा सकता है क्योंकि, दुनिया और आदमियों को उन्होंने इन सबके बनिस्बत ज्यादा देखा तो अपने अनुभवों के बाद उनको जो सही लगा वही कदम उठाया और ये किस तरह का फेक फेमिनिज्म जिसमें महिला ही महिला को अपमानित करती याने कि जो बात वे दूसरों के लिये कहती कि औरत ही औरत की दुश्मन होती वो इस तरह की हरकतों से उन पर भी लागू होती है

खैर, फेक फेमिनिज्म और फेक फेमिनाओं के मसले तो वैसे भी ज्यादातर फालतू के कैम्पेन में ही उलझे रहते ऐसे में दोनों को शादी की बधाई और आशीर्वाद सदा सौभाग्यवती भवः… ☺ ☺ ☺ !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह इन्दुश्री
नरसिंहपुर (म.प्र.)
०५ दिसम्बर २०१८

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