शनिवार, 13 जुलाई 2019

सुर-२०१९-१९४ : #खुशियों_को_न_स्टेच्यू_कहो #जब_ जो_पल_जहां_मिले_जी_लो





भूल गये
कहकर 'स्टेच्यू'
उन खुशियों को हम
जिन्हें कभी-भी
'ओवर' कहने का फिर
वक़्त न आया
जबकि, जी सकते थे
अंतर से महसूस कर सकते थे
उन पलों को भी हम
जिन्हें रोक दिया था जबरन
सोचकर ये कि,
मनायेंगे खुशियां जी-भर
उस दिन ही अब
पूरे होंगे देखे हुये स्वप्न जब
लगा दिया था ‘स्टॉप’
अनजाने ही मन पर अपने
झूम न जाना कहीं
छोटी-छोटी खुशियों पर ही
मचल न जाना कभी
उन अहसासों को देखकर
जो ‘बैरियर’ की तरह
बन जाये आकांक्षाओं की बाधा
बहला दे मंज़िल से पहले
भटका दे बीच राह में देकर छलावा
भूल न जाना ऐ दिल...
जब तक न पा ले
मनवांछित कामनाओं को तू
न हंसना, न खिलखिलाना
न नाचना, न ही गाना
‘वार्निंग’ देकर खुद को चंद लोग
सीमाओं में बांध लेते
खुशी मनाने पर बंदिश लगा देते
अनजाने जीवन अपना
उदास और नीरस बना लेते है ।।

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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
जुलाई १३, २०१९


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