शनिवार, 20 जुलाई 2019

सुर-२०१९-२०१ : #राजनीति_में_सक्षम_महिला_शक्ति #दिल्ली_की_पूर्व_मुख्यमंत्री_शीला_दीक्षित



देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री 'इंदिरा गांधी' ने इस देश की नारियों को राजनीति के क्षेत्र में आने के प्रति जागरूक किया कि इसके पूर्व भारत की महिलाएं जो घर की चारदीवारी से यदि निकलती भी तो उनके कार्यक्षेत्र बेहद सीमित होते थे लेकिन, अब उन्हें यह विश्वास हो गया कि यदि वे कोशिश करें तो राजनीति में भी सफल हो सकती है । इन महिलाओं में भले शीला दीक्षित' का नाम न हो क्योंकि, उन्हें इस कार्यक्षेत्र में लाने का श्रेय उनके ससुर उमाशंकर दीक्षित जी को है पर, उनके इस जगत में आने की वजह इंदिरा गांधी ही बनी थी और ये उन दिनों की बात है जब शीला जी के ससुर इंदिरा गांधी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे और वे उनकी कानूनी सहायता करती थीं ।

जब यह बात जब इंदिरा गांधी को पता चली तो उन्होंने उनकी प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए उनको संयुक्त राष्ट्र कमिशन के दल का सदस्य नामित किया जो महिलाओं का प्रतिनिधित्व कर सके और इस तरह से शीला दीक्षित के राजनीतिक जीवन की शुरुआत उस लौह महिला के माध्यम से हुई जिसने अपनी कार्य-कुशलता, दांव-पेंच व बुद्धि चातुर्य से देश पर शासन कर अपनी अलग जगह बनाई थी । ये उनका मार्गदर्शन ही था जो शीला दीक्षित जी ने भी जब राजनैतिक दिशा में पहला कदम बढ़ाया तो फिर कदम दर कदम आगे ही आगे बढ़ती गयी 1970 के दशक में वह युवा महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनाई गई तो 1984 से 1989 तक वे उत्तर प्रदेश के कन्नौज से लोकसभा सदस्य रहीं और इस दौरान उन्होंने लोकसभा इस्टीमेट कमिटी की सदस्य के रूम में भी काम किया ।

यही नहीं महिलाओं की स्थिति को लेकर भी उन्होंने 1984-89 के दौरान संयुक्त राष्ट्र आयोग में भारत का प्रतिनिधित्व किया एवं 1986 से 1989 के दौरान शीला दीक्षित केंद्रीय मंत्री के रूप में काम किया और दो विभागों राज्यमंत्री पीएमओ और राज्यमंत्री संसदीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली । इसके बाद 1990 में उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को लेकर आंदोलन किया था जिसके बाद वह ऐतिहासिक पल आया जब वह 1998 में वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी और इसके बाद वे करीब 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और इस तरह उन्होंने एक महिला नेत्री के रूप में लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का कीर्तिमान बनाया व देश की राजधानी ‘दिल्ली’ को ‘नई दिल्ली’ में बदल डाला ।

आज 81साल की उम्र में वे हृदयाघात की वजह से हम सबको छोड़कर जरूर चली गयी लेकिन, उनकी स्मृति व कर्म शेष जो आने वाले समय में सदैव याद की जायेंगी ऐसी सौम्य, शालीन, कुशल प्रशासक, राजनेत्री को असमय निधन पर मन से नमन व श्रद्धा सुमन... 💐💐💐 !!!

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© ® सुश्री इंदु सिंह ‘इन्दुश्री’
नरसिंहपुर (म.प्र.)
जुलाई २०, २०१९


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